Neem Leaves Benefits in Hindi | नीम पत्ते के फायदे

Neem Leaves Benefits in Hindi

नीम पत्ते के फायदे – Neem Leaves Benefits in Hindi

नीम का नाम सुनते ही हमारे मन में एक कड़वा सा अनुभव होता है। मगर आप जानते हो कि यह अपने साथ बहुत सारे औषधीय गुण लिए हुए हैं। नीम एक ऐसी चीज है जो हमारे घर या आस पड़ोस में आसानी से मिल जाती है। नीम के पेड़  से शायद ही कोई अपरिचित हो।  लेकिन नीम के फायदे  नीम के गुणों के कारण इसे धरती का कल्प वृक्ष भी कहा जाता है। आमतौर पर लोग नीम का प्रयोग घाव, चर्म रोग में फायदा लेने के लिए करते हैं ।

नीम के पत्ते का काढ़ा घावों को धोने में कार्बोलिक साबुन से भी अधिक उपयोगी है। कुष्ठ आदि चर्म रोगों पर भी नीम बहुत लाभदायक है। इसके रेशे-रेशे में खून को साफ करने के गुण भरे पड़े हैं। नीम का तेल टीबी या क्षय रोग को जन्म देने वाले जीवाणु की तीन जातियों का नाश करने वाले गुणों से युक्त पाया गया है।

नीम पत्तों का उपयोग किस तरह से कर सकते हैं

नीम के फायदे जानने के बाद यह सवाल उठता है कि इसका उपयोग कैसे करें। वैसे तो इसका उपयोग बहुत सारे तरीके से कर सकते हैं मगर कुछ तरीके निम्नलिखित बताए गए हैं:-

नीम के पत्तों का लेप फेस मास्क के रूप में किया जा सकता है। इससे टॉक्सिंस को बाहर निकालने में आसानी होती है।

ब्लड प्यूरीफायर के रूप में आधे कप पानी में आधा चम्मच नीम की पत्तियों का रस मिलाकर सेवन किया जा सकता है।

नीम का पत्ता पीसकर घावों पर लेप के रूप में लगाया जा सकता है। घाव इससे आसानी से भर जाते हैं।

नीम के पतले डालों का इस्तेमाल दातुन के रूप में किया जा सकता है। यह पायरिया छालो व बैक्टीरियल इनफेक्शन में फायदा पहुंचाता है।

इसी में नीम बहुत कड़वा लगता है और डायरेक्ट नहीं ले पाते वो नीम का पत्ता फ्राई करके भी खा सकते है।

रूसी और जूं को कम करने के लिए भी नीम के पत्तों से बना तेल उपयोग किया जा सकता है।

नीम पत्ते के लाभ ही लाभ

एंटीबैक्टीरियल गुण

नीम पैथोजेनिक बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण के उपचार के लिए एक प्रभावी एंटीबैक्टीरियल एजेंट के रूप में काम कर सकता है । वहीं, नीम की पत्तियों में मौजूद क्वेरसेटिन और बी-साइटोस्टरोल पॉलीफेनोलिक फ्लेवोनोइड में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों की पुष्टि हुई है ।

सांस संबंधी समस्याओं के लिए

नीम के पत्तों में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद हैं। इसके ये सभी गुण पल्मोनरी इन्फ्लेमेशन  के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभाव प्रदर्शित करता है । ये अस्थमा की समस्या के लिए उपयोगी हो सकता है।

अल्सर के लिए नीम का उपयोग

एक शोध के अनुसार, नीम के छाल का अर्क गैस्ट्रिक हाइपरएसिडिटी और अल्सर पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है। नीम के छाल का अर्क औषधि की तरह काम करता है ।

डायबिटीज में नीम के फायदे

नीम की कड़वाहट मधुमेह की समस्या को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है।  नीम हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। ऐसे में इसका हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में उपयोगी होता है ।

ओरल हेल्थ में नीम के फायदे

ऐसा माना जाता है कि माउथ क्लीनर प्रोडक्ट, जिनमें नीम का अर्क मौजूद होता है, मुंह के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकता है। साथ ही नीम में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण दांतों में प्लाक को बढ़ाने वाले स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन जैसे बैक्टीरिया को पनपने से रोक सकता है।

लिवर को स्वस्थ रखने में नीम का प्रयोग

नीम का उपयोग लिवर के क्षति और कैंसर से बचाव करता है ।नीम में मौजूद एजेडिराक्टिन-ए कंपाउंड हेप्टोप्रोटेक्टिव यानी लिवर को सुरक्षा देने वाला गुण प्रदर्शित करता है। ऐसे में लिवर को स्वस्थ रखने के लिए नीम का सेवन उपयोगी होता है।

घाव और रैशेज के लिए नीम

नीम का उपयोग घावों के उपचार के लिए सदियों से किया जाता रहा है। दरअसल, इसमें वूंड हिलिंग गुण मौजूद होते हैं, जो घावों को भरने में काफी हद तक मदद करते हैं । ऐसे में सामान्य घाव या कटने-छिलने पर नीम का लेप उपयोगी होता है। वहीं, अगर जख्म गहरा हो, तो डॉक्टरी इलाज को प्राथमिकता देना आवश्यक है।

नीम के नुकसान /साइड इफेक्ट

नीम के नॉर्मल उपयोग से दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। हालांकि, शिशुओं या छोटे बच्चों को यह जड़ी बूटी नही देनी चाहिए। नीम गर्भवती, स्तनपान कराने वाली महिलाओं या जो गर्भ धारण करने की कोशिश कर रहे हैं उनके लिए भी सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा, नीम का तेल आंतरिक रूप से कभी नहीं लिया जाना चाहिए।

एक सामान्य नियम के रूप में, यह रक्त में शर्करा की मात्रा कम कर सकता हैं इसलिए यदि आप उपवास कर रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप नीम के मौखिक सेवन से बचें।

मधुमेह से पीड़ित लोगों को चिकित्सक की देखरेख में ही नीम का उपयोग करना चाहिए, लगातार रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी के साथ। बचपन में, गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान नीम का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है।।

इसके ज्यादा इस्तेमाल से मितली किस पे समस्या हो सकती है।

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