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फिश ऑयल कैप्सूल्स के फायदे- Fish Oil Capsules Benefits in Hindi
फिश ऑयल एक बहुत ही गुणकारी सप्लीमेंट है। जो हमें प्रकृति से प्राप्त होती है। जब हम फिश को मारकर नहीं खाते, व उसके शरीर को निचोड़ कर तेल निकाल लेते हैं, उसे ही हम फिश ऑयल कहते हैं। आजकल यह प्रचलन में है। इसके उपयोग करने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। फिटनेस इंडस्ट्री में यह एक जाना माना सप्लीमेंट है। इसमें मुख्य रूप से ओमेगा -3 फैटी एसिड जैसे डकोसाहेक्साइनाइक एसिड (DHA) और एकोसैपेंटेनोइक एसिड (EPA), विटामिन, खनिज, प्रोटीन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है।
बस एक कैप्सूल और रोग गायब
हमारा हृदय फिश ऑयल से बिल्कुल स्वस्थ रहता है। यह हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है।अगर वजन कम करना हो और मछली का तेल काम करे तो, जी हां वजन कम करने में वर्कआउट और फिश ऑयल का संयोजन शरीर की वसा को कम करता है।
इससे हमारी दृष्टि में भी सुधार होती है।
नियमित रूप से सेवन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। जिससे आप सामान्य बीमारियां जैसे सर्दी, खांसी और फ्लू आदि का सामना कर सकते हैं। यह तेल ओमेगा -3 फैटी एसिड के कारण अवसाद, उदासी, चिंता, बेचैनी और अन्य तंत्रिका संबंधी विकारों से राहत पाने के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। ऐसे देशों में, जहां अक्सर मछली खाई जाती है, वहां निराशा की कम घटनाएं होती हैं। यह कैंसर जैसे गंभीर रोगों के खतरों को टालने में भी सहायक है।
सेहत के साथ सौंदर्य भी निखारे
यह तेल ड्राई स्किन की समस्या को ठीक करके, त्वचा को चमकदार और जीवंत रखने में मदद करता है। यह एक्जिमा, छालरोग, खुजली, लालिमा, त्वचा के घावों और चकत्ते जैसे विभिन्न त्वचा समस्याओं के उपचार में बहुत ही उपयोगी होता है। , सोरायसिस से राहत पाने के लिए मछली के तेल को बाहरी रूप से भी उपयोग किया जा सकता है। मछली के तेल के कैप्सूल का नियमित सेवन त्वचा में नमी बनाये रखने में मदद करता है व त्वचा में एक निखार आता है।
Fish Oil Capsules Side Effects – फिश ऑयल के नुकसान/साइड इफेक्ट
- मुंह का स्वाद बिगड़ना
- बदबूदार पसीना
- सिरदर्द
- हृदय में जलन
- जी मिचलाना
- दस्त
- क्त के थक्के को प्रभावित करता है
- ब्लीडिंग डिसऑर्डर है तो इसका इस्तेमाल न करे
- प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान डॉक्टरी परामर्श लेना चाहिए
यह कुछ आम समस्या है जो हमेशा तो नहीं होती मगर कभी भी आ सकती हैं। इसलिए हमें सावधानी और डॉक्टरी परामर्श से ही इसका उपयोग करना चाहिए।