Benefits of Dark Chocolate in Hindi | डार्क चॉकलेट के फायदे

चॉकलेट एक ऐसी चीज है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक में पसंद की जाती है, इसका नाम सुनते ही हमारे मुंह में पानी आ जाता है। लेकिन कई लोग वेट गेन करने के चलते इसका सेवन नहीं करते हैं और इस से दूरी बना लेते हैं। लेकिन आपके लिए अच्छी खबर है कि डार्क चॉकलेट से आप अपने मन को तृप्त कर सकते हैं।वैसे तो मार्केट में आज बहुत सारी चॉकलेट मौजूद है लेकिन डार्क चॉकलेट की अपनी एक अलग ही पहचान पहचान है। इसमें कई गुण पाए जाते हैं जो हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद है अगर आप नहीं खाते तो इसके गुणों के जाने के बाद जरूर ट्राई करना चाहेंगे आइए देखते हैं क्या-क्या मौजूद है डार्क चॉकलेट में।

डार्क चॉकलेट आखिर है क्या

‘डार्क चॉकलेट’ से तो वैसे हम परिचित हैं  इसका परिचय देने की जरूरत नहीं मगर जिन्हें नहीं पता उनके लिए हम बता दें कि ‘डार्क चॉकलेट’ कोको बीन्स से बनती है। मिल्क चॉकलेट की तुलना में डार्क चॉकलेट में 50 से 90 प्रतिशत अधिक कोका सॉलिड, कोको बटर और चीनी मौजूद होती है। इसमें आयरन, कॉपर, फ्लैवनॉल्स, जिंक व फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी माने जाते हैं । डार्क चॉकलेट के स्वास्थ्य लाभ हासिल करने के लिए डार्क चॉकलेट का उपयोग किया जाता है।

डार्क चॉकलेट के फायदे ही फायदे | Benefits of Dark Chocolate in Hindi

हृदय के स्वास्थ्य को मैं रखता है डार्क चॉकलेट

उच्च रक्तचाप, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन की समस्या कार्डियो मेटाबोलिक यानी हृदय संबंधी जोखिम कारक माने गए हैं।  इनमें एंटीहाइपरटेन्सिव, एंटीप्लेटलेट, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं।

डिप्रेशन से दिलाता है राहत

इस समस्या में मूड में बदलाव, उदास रहना, गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं ।एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि तीन दिन तक डार्क चॉकलेट के सेवन से कुछ लोगों में डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार पाया गया है ।

कोलेस्ट्रॉल के लिए डार्क चॉकलेट

लो फैट डाइट के साथ प्लांट स्टेरोल्स  और कोको फ्लैवेनॉल्स युक्त डार्क चॉकलेट का उपयोग करने से कोलेस्ट्रॉल में कमी हो सकती है। साथ ही इसके उपयोग से हृदय स्वास्थ्य और ब्लड प्रेशर में भी सुधार देखा जा सकता है ।

ऊर्जा प्रदान करता है

डार्क चॉकलेट एनर्जी को बूस्ट करने में भी मददगार होती है।  डार्क चॉकलेट में पॉलिफिनॉल्स मौजूद होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट , एंटी इन्फ्लामेट्री , और एंटी ओबेसिटी जैसे गुण प्रदर्शित करते हैं। यह सभी गुण  एनर्जी प्रदान करने में मदद कर सकते हैं

तंत्रिका तंत्र के लिए डार्क चॉकलेट

कोको बींस से बनने वाली डार्क चॉकलेट में कैटेचिन और एपिक्टिन डेरिवेटिव नामक फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं। इन फ्लेवोनोइड्स में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित क्षति और सूजन से बचाव करने में मदद कर सकते हैं।

ब्लड प्रेशर मे मददगार

डार्क चॉकलेट के फायदे की बात करें, तो यह हाई बीपी की समस्या में भी सहायक हो सकती है।  डार्क चॉकलेट में एंटीहाइपरटेन्सिव प्रभाव मौजूद होता है, जिसके कारण इसका सीमित मात्रा में सेवन करने से रक्तचाप में कमी हो सकती है । ऐसे में हाई बीपी के लिए डाइट में डार्क चॉकलेट को भी शामिल किया जा सकता है।

डार्क चॉकलेट के नुकसान

वैसे तो चॉकलेट सभी को अच्छा लगता है मगर,अगर आप चॉकलेट को लिमिट से ज्यादा और अनियमित उपयोग करते हैं तो आपका वजन बढ़ सकता है क्योंकि इसमें मौजूद शुगर,फैट और कैलेरी आपके वजन को बढ़ा सकते हैं। कई लोग रात में उठकर चॉकलेट खाते हैं , यह हमारे तंत्रिका तंत्र को एक सुकून देता है इसमें कई गुण भी मौजूद है,मगर इसमें मौजूद कैफिन से आपकी नींद को क्षति पहुंच सकती है।

इस कैफीन को ज़्यादा मात्रा में लेने से डायरिया और इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम जैसी परेशानियां हो सकती हैं. आईबीएस का मतलब है अनियमित मलत्याग। कई बार हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोग इसका हद से ज्यादा सेवन करते हैं, जिससे उनका ब्लड प्रेशर और बढ़ जाता है। इसलिए इसका उपयोग कम मात्रा में उपयोग करना चाहिए।

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